यह उपनिषद अर्थववेद के अंतर्गत आता है | इसमें “ॐकार” को अक्षरब्रह्म का सम्भोधन सिद्ध करते हुए उनके विभिन्न चरणों एवं मात्राओं का विवेचन किया गया है |

यह उपनिषद अर्थववेद के अंतर्गत आता है | इसमें “ॐकार” को अक्षरब्रह्म का सम्भोधन सिद्ध करते हुए उनके विभिन्न चरणों एवं मात्राओं का विवेचन किया गया है |